सितारों से आगे - कल्पना चावला
एक सामान्य सी दुबली-पतली करनाल (हरियाणा) की बिटिया, अपनी प्रतिबद्धता और साहस से इतना कुछ करती रही जो भारत की ही नहीं विश्व की बेटियों में अपनी पहचान कायम कर सकी। माता-पिता की चौथी संतान कल्पना चावला बचपन से नक्षत्र लोक को घंटों निहारा करती थी। वह एक अन्तरिक्ष-यात्री के रूप में स्पेस सटल ‘कोलम्बिया‘ में बैठकर अंतरिक्ष के गूढ़ रहस्य खोलने की यात्रा पर थी। जान जोखिम में डालने वाली इस यात्रा में यह सच है वह अपना जान गँवा बैठी पर एक जीवंत इतिहास अवश्य रच डाली। बचपन के इस वक्तव्य को उसने अपना बलिदान देकर साबित किया कि ‘जो काम लड़के कर सकते हैं वह मैं भी कर सकती हूँ।’